कुछ समय पहले एक कृषि कानून को लागू किया गया है और जब से इस कानून को लागू किया गया है तब से देश के कई किसानों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया है। हाल ही में देश के किसानों ने जंतर-मंतर पर जाकर आंदोलन शुरू किया था और अब इसके बाद दिल्ली में जाकर आंदोलन शुरू किया है। किसानों का यह आंदोलन पिछले एक महीने से लगातार जारी है।
देश के अलग-अलग हिस्सों से कई किसान इस आंदोलन में शामिल होने के लिए आये है। किसानों का कहना है कि सरकार इस नए कृषि कानून को वापस ले। लेकिन सरकार का कहना है कि यह कानून किसानों के लाभ के लिए बनाया गया है। इस कानून के बाद देश का हर किसान अपनी फसल को कहीं पर भी बेच सकता है।
लेकिन देश के किसान चाहते है कि इस कानून को सरकार वापस ले और पहले की तरह जिस तरह से किसानों की फसल का लेन-देन किया जाता था। उसी तरह से किया जाए। देश की सरकार से नाराज कई नेता अब तक NDA पार्टी को छोड़ चुके है। हाल ही में शनिवार को मोदी सरकार के बर्ताव से नाराज होकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी (NDA) को अलविदा कह दिया है और इसका ऎलान RLP के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद बेनीवाल ने किया था।
सबसे पहले बीजेपी का साथ शिरोमणि अकाली दल ने साथ छोड़ा था और फिर इसके बाद हरसिमरत कौर ने भी इस पार्टी को अलविदा कह दिया था। इन दोनों पार्टियों के बाद तीसरी पार्टी पी सी थॉमस की मंत्री केरल कांग्रेस ने भी NDA को छोड़ दिया। खबरों के अनुसार NDA में अब तक सिर्फ 16 पार्टियां रह चुकी है।
और इन 16 पार्टियों में से कुछ ऐसी पार्टियां भी शामिल है जो कुछ समय पहले ही इस दल में शामिल हुए है। वैसे 2014 के बाद से अब तक कई पार्टियां NDA का साथ छोड़ चुकी है। उनमें से एक हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी भी शामिल थी।